हिंदी पत्रकारिता के इतिहास की बात करें, तो यह उस समय शुरू हुआ था। जब देश अंग्रेजों का गुलाम था। तब लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट करने और देश के लोगों को जागरूक करने के लिए समाचार पत्र का प्रयोग किया गया था। उस समय जब भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। लोगों तक अपनी बात पहुचाने का कोई साधन नहीं था। तब समाचार पत्र की आवश्यकता महसूस हुई। तो यहीं से शुरू हुआ भारत में हिंदी पत्रकारिता का इतिहास।
पहले जो पत्रकारिता का जरिया था, वो सिर्फ समाचार पत्र थे। आज के समय में समाचार पत्र का रूप वेब पत्रकारिता ने ले लिया है। आज के समय में हम , भारतीय समाचार सिर्फ न्यूज़ पेपर से नहीं, बल्कि ऐप डाउनलोड करके कही भी बैठकर अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। जिस भाषा में पढ़ना चाहे उस भाषा में पढ़े। अब बात करते हैं हिंदी पत्रकारिता के इतिहास की।
हिंदी भाषा का सबसे पहला अखबार था उदंत मार्तंड –
हिंदी भाषा के सबसे पहले समाचार पत्र की बात करें, तो देश में प्रकाशित होने वाला पहला हिंदी अखबार, उदंत मार्तंड था। इसे इंग्लिश में “द राइजिंग सन” के नाम से भी प्रकाशित किया जाता था। यह अखबार, 30 मई 1826 को शुरू हुआ। इस वजह से इन दिन को “हिंदी पत्रकारिता दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
बस यहीं से हिंदी भाषा को महत्त्व मिलता गया। जिसकी वजह से हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत होती गई। एक वो समय था और एक आज का समय है। जब भारतीय समाचार पत्र अब अखबार से ज्यादा हिंदी समाचार ऐप के द्वारा भी पढ़ सकते हैं। आप कई तरह के समाचार ऐप डाउनलोड भी कर सकते हैं। उदंत मार्तंड से शुरू हुई हिंदी पत्रकारिता आज के समय में बहुत ही व्यापक रूप ले चुकी है।
1950 से अब तक हिंदी समाचार पत्र का विकास –
समय तेजी से बदलता गया इस बीच कई प्रकार के समाचार पत्र प्रकशित होते गये, और बंद भी होते गये। 50 के दशक के बाद जिन हिंदी समाचार पत्रों का अस्तित्व सामने आया उसमें से कुछ ऐसे समाचार पत्र है जो आज के समय में भी अपनी मजबूत पकड़ बनाये हुए है। जैसे दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला और पत्रिका। यह हिंदी जगत के ऐसे नाम है जो हर किसी द्वारा पहचाने जाते हैं। हिंदी जगत का इतिहास इन समाचार पत्रों के बिना अधुरा है। अब यह खबरों के माध्यम सिर्फ पेपर तक ही सिमित नहीं रह गये बल्कि वेबसाइट, ऐप और टीवी के माध्यम से यह आपके पास हमेशा रहते हैं।
जब भी हिंदी समाचार की बात आती है तो आज के समय में सबसे ज्यादा लोकप्रिय समाचार पत्र है वो है दैनिक भास्कर। इस समाचार पत्र ने समय के साथ अपने आप को हमेशा अपडेट किया है। 1956 में इस समाचार पत्र को प्रकाशित किया गया था। तब इसका नाम सुबह सवेरे था। जब इसकी स्थापना हुई थी तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा की यह व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग बन जाएगा। सिर्फ समाचार पत्र के रूप में प्रकाशित होने वाले इस अखबार ने समय के साथ अपने में कई तरह के बदलाव किये है। आज के समय में यह वेब, टीवी, ऐप और पत्र के माध्यम से लोगों तक अपनी गहरी पकड़ बनाये हुए है। सबसे विश्वनीय और भरोसेमंद खबरों के लिए आप दैनिक भास्कर ऐप को डाउनलोड कर सकते है। इसके अलावा आप अन्य समाचार ऐप को भी प्रयोग कर सकते हैं।
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